Love story in Hindi - टीचर और स्टूडेंट की लव स्टोरी || Hindi Stories Blog
यह एक 40 साल की लड़की और 16 साल के लड़के की एक रियल कहानी है, जिसे पढ़कर आप सन्न रह जाएंगे। लड़की का नाम था मनीषा जोशी, जो अहमदाबाद के एक अपार्टमेंट में रहती थी। वह अपने ही अपार्टमेंट के एक 16 साल के लड़के को ट्यूशन पढ़ाती थी। मनीषा बहुत हंसमुख स्वभाव की थी और सभी से हंस-हंस कर बात करती थी।
मनीषा की हंसी का असर कुछ ऐसा हुआ कि वह लड़का उसकी ओर आकर्षित हो गया। मनीषा को लड़के के इरादों की भनक लगते देर न लगी। उसे भी उस लड़के का साथ अच्छा लगता था। मनीषा ने न तो अपनी उम्र का ख्याल रखा और न ही सामाजिक मर्यादाओं का। और इसका परिणाम यह हुआ कि जल्द ही उनके मन की बात जुबां पर आ गयी और देखते ही देखते उनके बीच शारीरिक सम्बंध स्थापित हो गये।
जब दोनों लोगों के बीच नजदीकियां हद से ज्यादा बढ़ीं, तो लड़के के घर वालों को इसका शक हुआ। उन्होंने लड़के के ट्यूशन जाने पर पाबंदी लगा दी। इससे मनीषा आहत हो उठी। उधर लड़का भी विरह की आग में जल रहा था। वह भी इन पाबंदियों की दीवार को तोड़ डालना चाहता था।
मनीषा ने एक दिन लड़के को चुपके से अपने पास बुलाया और उसके साथ भाग चलने का प्लान बनाया। दोनों लोगों ने एक दिन तय किया और मुम्बई जा पहुंचे।
उन दोनों के गायब हो जाने से अपार्टमेंट में हड़कम्प मच गया। लड़के के घर वालों ने पुलिस में रिपोर्ट लिखवाई और इस तरह से पुलिस उन दोनों की खोजबीन में जुट गयी।
मनीषा अपने प्रेमी को लेकर मुम्बई से सूरत, भरूच, माउंट आबू आदि जगहों पर घूमती रही। उसे इस बात का अंदाजा था कि पुलिस वाले उसे खोज रहे होंगे, इसलिए वह होटल में न रूक कर धर्मशालाओं में शरण लेती थी और लड़के को अपना बेटा बताती थी।
10 दिनों तक मनीषा अपने प्रेमी के साथ इधर-उधर फिरती रही। लेकिन जल्दी ही उसकी जमा पूंजी समाप्त हो गयी। उसके जेवर भी बिक गये। जब उनके सामने अर्थ का संकट आया, तो उसने अहमदाबाद जाकर कुछ पैसे जुटाने का निश्चय किया।
लेकिन जैसे ही मनीषा अमदाबाद पहुंची, पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के उसे एक नाबालिग स्टूडेंट को भगाने और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने के आरोप में जेल भेज दिया। और इस तरह मनीषा की प्रेम कहानी का 'द इंड' हो गया।
मनीषा वह जेल में अपने दिन गुजार रही है और पछता रही है कि क्यों आखिर उसने एक नाबालिग के साथ प्रेम की पींगे बढ़ाईं, जिसमें उसकी जमा पूंजी भी चली गयी और साथ ही हुईं जगसाई। पर कहावत है कि अब पछताए होत क्या, जब चिड़िया चुग गई खेत?