Best collection of Hindi stories

Blog Search

Bannner q

Translate

Best collection of Hindi stories

गुरुवार, 21 अक्तूबर 2021

अक्तूबर 21, 2021

Horror Stories in Hindi - रात के अंधेरे में डराता सन्नाटो का शोर || Hindi Stories Blog

Alexa web rank

 


Listen now :



Hello दोस्तो मैं यतिन आपके लिए एक नई स्टोरी लेकर आया हूं||


रात के अंधेरे में डराता सन्नाटो का शोर


जैसलमेर शहर से 15 किलोमीटर दूरी पर स्थित एक ऐसा गांव जिसमें अब कोई रहना नहीं चाहता. लोग कहते हैं उस गांव में भूतों और आत्माओं का डेरा है. कहा तो यह भी जाता है कि उस गांव में फैली दहशत के पीछे जो कहानी है वह उससे भी ज्यादा भयानक और खतरनाक है. जिसकी बुरी नजर की वजह से जो भी उस गांव में आता है वह अकाल मौत का शिकार बन जाता है.

यूं तो हम सभी ने कभी ना कभी भूत-प्रेत पिशाचों से जुड़ी कहानियों को पढ़ा या सुना होगा. हो सकता है कुछ ने ऐसी पारलौकिक शक्तियों का सामना भी किया हो लेकिन जो कहानी हम यहां आपको सुनाने जा रहे हैं वह थोड़ी अविश्वस्नीय जरूर है लेकिन स्थानीय लोगों के लिए वह एक बेहद खौफनाक सच है जिसका सामना उन्हें अकसर या कहें शायद रोज ही करना पड़ता है.

मरने के बाद भी जिन्दा है वो

कुलधरा, जैसलमेर से 15 किलोमीटर दूरी पर स्थित एक गांव अपनी दहशत के लिए आसपास कुख्यात बन गया है. आपको यह बात तो पता ही होगी कि जिन स्थानों को पारलौकिक ताकते अपने कब्जे में ले लेती हैं उन स्थानों पर बसने वाले लोग या तो स्वयं उस स्थान को छोड़ कर चले जाते हैं और अगर नहीं जाते तो उन्हें अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है. कुलधरा भी ऐसा ही एक गांव है जहां पहले ब्राह्मण समुदाय का वास था. ऐसा माना जाता है कि सन 1825 में इस गांव में रहने वाले पालीवाल ब्राह्मण और आसपास के 84 गांवों के लोग रातोंरात अपना घर छोड़कर चले गए थे. सन 1300 से इस गांव में पालीवाल ब्राह्मण की पीढ़ियां रहा करती थी और रक्षाबंधन के एक दिन सभी इस गांव को छोड़कर चले गए. ऐसा माना जाता है इस दिन कुछ ऐसा दर्दनाक घटा था जिसके बाद आज तक भी बहुत से पालीवाल ब्राह्मण रक्षाबंधन का त्यौहार नहीं मनाते.

मौत से छीनकर अपनी जिंदगी दुबारा वापस लाई बड़े पैमाने

पर हुए इस पलायन के पीछे की कहानी कुछ यह कहती है.

जैसलमेर के दीवान सलीम सिंह को कुलधरा समेत 84 गांवों के मुखिया की खूबसूरत बेटी से प्यार हो गया था. सलीम सिंह ने गांव के लोगों को यह धमकी दी थी कि अगर उसका विवाह उस लड़की के साथ ना हुआ तो वह करों में और ज्यादा वृद्धि कर देगा. ऐसे हालातों में गांव के मुखिया ने उस स्थान को छोड़कर जाने का निश्चय कर लिया और अपने पीछे यह श्राप छोड़ गए कि जो भी उनके जाने के बाद इस गांव में रहेगा या बसने की कोशिश करेगा वह अपनी जान से हाथ धो देगा. मुखिया और उसकी के जाने के बाद गांव के बहुत से लोग धीरे-धीरे कर के बीमार पड़ने लगे या फिर अकारण ही मृत्यु के ग्रास बनते गए. इस घटना के बाद कुलधरा और आसपास के 84 गांव के लोगों ने अपना-अपना घर छोड़ दिया और तब से लेकर अब तक कोई भी उस गांव में बसने की हिम्मत नहीं जुटा पाया है.


Hindi Stories Blog 🙏🙏


Please SUBSCRIBE MY YOUTUBE CHANNEL

Click ON SUBSCIBE BUTTON







 

मंगलवार, 19 अक्तूबर 2021

अक्तूबर 19, 2021

Love Story in Hindi - ढोला-मारू” की प्रेम कहानी || Hindi Stories Blog

 


Listen now :


 
ढोला-मारू” की प्रेम कहानी,

ढोली ने दोहों में राजकुमारी की खूबसूरती की व्याख्या कुछ ऐसे की। उसके चेहरे की चमक सूर्य के प्रकाश की तरह है, झीणे कपड़ों में से शरीर ऐसे चमकता है मानो स्वर्ण झांक रहा हो। हाथी जैसी चाल, हीरों जैसे दांत, मूंग सरीखे होंठ है। बहुत से गुणों वाली, क्षमाशील, नम्र व कोमल है, गंगा के पानी जैसी गोरी है, उसका मन और तन श्रेष्ठ है। लेकिन उसका साजन तो जैसे उसे भूल ही गया है और लेने नहीं आता।

ढोली पूरी रात ऐसे ही गाता रहा, सुबह राजकुमार ने उसे बुलाकर पूछा तो उसने पूंगल से लाया राजकुमारी का पूरा संदेशा सुनाया। आखिर साल्हकुमार ने अपनी पहली पत्नी को लाने हेतु पूंगल जाने
का निश्चय किया पर उसकी दूसरी पत्नी मालवणी ने उसे रोक दिया। उसने कई बहाने बनाए पर
मालवणी हर बार उसे किसी तरह रोक देती।

आखिरकार एक दिन राजकुमार एक बहुत तेज चलने वाले ऊंट पर सवार होकर अपनी प्रियतमा को लेने पूंगल पहुंच गया। वियोग में जल रही राजकुमारी अपने प्रियतम से मिलकर खुशी से झूम उठी। आखिर उसे उसका प्रेम जो मिल गया था। दोनों ने पूंगल में कई दिन बिताए। दोनों एक दूसरे में खो गए। एक दिन दोनों ने नरवर जाने के लिए राजा पिंगल से विदा ली।

कहते हैं रास्ते के रेगिस्तान में राजकुमारी को सांप ने काट लिया पर शिव पार्वती ने आकर उसको जीवन दान दे दिया। लेकिन दोनों की मुसीबतें यहीं समाप्त नहीं हो रही थीं, इसके बाद वे उमर-सुमरा के राजकुमारी को पाने के लिए रचे षडय़ंत्र में फंस गए।

उमर-सुमरा साल्हकुमार को मारकर राजकुमारी को हासिल करना चाहता था सो वह उसके रास्ते में जाजम बिछाकर महफिल सजाकर बैठ गया। राजकुमार सल्हाकुमार अपनी खूबसूरत पत्नी को लेकर जब उधर से गुजरा तो उमर ने उससे मनुहार की और उसे रोक लिया। राजकुमार ने राजकुमारी को ऊंट
पर बैठे रहने दिया और खुद उमर के साथ अमल की मनुहार लेने बैठ गया। (रेगिस्तानी इलाकों में किसी भी अतिथि की मनुहार या स्वागत अफीम के साथ की जाती है, अफीम को अमल कहते हैं)

इधर, ढोली गा रहा था और राजकुमार व उमर अफीम की मनुहार ले रहे थे। मारू के देश से आया ढोली बहुत चतुर था, उसे उमर सुमरा के षड्यंत्र का ज्ञान आभास हो गया था। ढोली ने चुपके से इस षड्यंत्र के बारे में राजकुमारी को बता दिया। राजकुमारी भी रेगिस्तान की बेटी थी, उसने ऊंट के एड मारी। ऊंट भागने लगा तो उसे रोकने के लिए राजकुमार दौड़ा, पास आते ही मारूवणी ने कहा – धोखा
है जल्दी ऊंट पर चढ़ो, ये तुम्हें मारना चाहते हैं। इसके बाद दोनों ने वहां से भागकर नरवर पहुंचकर ही दम लिया। यहां राजकुमारी का स्वागत सत्कार किया गया और वो वहां की रानी बनकर राज करने लगी।

इतिहास में इस प्रेमी जोड़े को ढोला मारू के नाम से जाना जाता है। तब से आज तक उनके नाम के गाने पूरे जोर-सोर से गाए जाते हैं और उनके प्रेम का गुनगान किया जाता है।

ढोला को रिझाने के लिए दाढ़ी (ढोली) द्वारा गाये कुछ दोहे –

आखडिया डंबर भई,नयण गमाया रोय |
क्यूँ साजण परदेस में, रह्या बिंडाणा होय ||

आँखे लाल हो गयी है , रो रो कर नयन गँवा दिए है,साजन परदेस में क्यों पराया हो गया है |

दुज्जण बयण न सांभरी, मना न वीसारेह |
कूंझां लालबचाह ज्यूँ, खिण खिण चीतारेह ||

बुरे लोगों की बातों में आकर उसको (मारूवणी को) मन से मत निकालो | कुरजां पक्षी के लाल बच्चों की तरह वह क्षण क्षण आपको याद करती है | आंसुओं से भीगा चीर निचोड़ते निचोड़ते उसकी हथेलियों में छाले पड़ गए है |

जे थूं साहिबा न आवियो, साँवण पहली तीज |
बीजळ तणे झबूकडै, मूंध मरेसी खीज ||

यदि आप सावन की तीज के पहले नहीं गए तो वह मुग्धा बिजली की चमक देखते ही खीजकर मर जाएगी | आपकी मारूवण के रूप का बखान नहीं हो सकता | पूर्व जन्म के बहुत पुण्य करने वालों को ही ऐसी स्त्री मिलती है |

नमणी, ख़मणी, बहुगुणी, सुकोमळी सुकच्छ |
गोरी गंगा नीर ज्यूँ , मन गरवी तन अच्छ ||

Hindi Stories Blog 🙏🙏

 

सोमवार, 18 अक्तूबर 2021

अक्तूबर 18, 2021

Love Story in Hindi - 16 साल की प्रेम कहानी || Hindi Story Blog


 Listen now:



इंदौर. 16 साल की प्रेम कहानी। कहानी में कई मोड़। एक्सीडेंट में लड़का लकवाग्रस्त हो गया। एमबीए लड़की फिर भी शादी को राजी। परिवार की सहमति नहीं थी। किसी तरह लड़के के घरवाले माने और दुल्हन ने व्हीलचेयर पर बैठे दूल्हे को वरमाला डाली। लोगों को पता चला तो इस प्रेम कहानी की मिसाल देने लगे। लड़की के घरवालों तक बात पहुंची। उन्हें लगा कि जिसकी मिसाल सब दे रहे हों उसमें गलत क्या है? मां ने बेटी को घर बुलवाया और उसे आशीर्वाद दिया। यह कहानी है गौरव श्रीवास्तव और सविता चौबे की। फरवरी में जब सविता ने गौरव से शादी की तो माता-पिता ने दूरी बनाए ली थी। वे इस शादी को लेकर राजी नहीं थे, लेकिन सविता के कदम की सभी ने सराहना की और उसकी मिसाल दी जाने लगी तो माता-पिता को गर्व महसूस हुआ। सविता कहती है पहले मां को लगता था कि लोग क्या कहेंगे? समाज को क्या जवाब देंगे पर मीडिया में खबर आने के बाद पूरे देश से परिजनों को फोन आए। सबने बधाई दी। लोग क्या कहेंगे का सवाल गर्व में बदल गया। मां को अब भी इस बात की चिंता है कि आगे की चुनौतियों का सामना हम कैसे करेंगे, लेकिन मैं हमेशा उन्हें कहती हूं कि चुनौतियां ही हमें जीने की नई राह दिखाती हैं।' सांत्वना नहीं मार्गदर्शन चाहिए गौरव पिछले दो साल से विनायक कंसलटेंसी के नाम से जॉब प्लेसमेंट का काम कर रहे हैं। गौरव और परिजन कहते हैं हमें लोगों के सांत्वना की जरूरत नहीं बल्कि मार्गदर्शन चाहिए। गौरव आसानी से लेपटॉप पर सारा काम कर लेते हैं। कहीं भी आने-जाने के लिए उनके पास ऑटोमेटिक व्हीलचेयर है और एक विशेष कार भी। रांग नंबर पर बातचीत से शुरू हुआ था प्यार का सफर गौरव कहते हैं- 18 साल पहले 1998 में सविता से एक रांग नंबर लग गया, जो मेरे घर का था। फोन उठाकर जब बात की तो सविता ने पूछा कि कहां से बोल रहे हैं। मैंने मजाक में कह दिया चिडियाघर से। दोनों हंसे और फोन रख दिया। कुछ दिन बाद दोबारा फोन किया और इस तरह बातें शुरू हो गई। करीब तीन माह बाद साकेत नगर में एक दोस्त के घर के नीचे दोनों मिले। मिलने का सिलसिला बढ़ा। करीब सात साल तक ऐसे ही चलता रहा। मैं कंस्ट्रक्शन का बिजनेस करने लगा। दोनों ने शादी के बारे में सोचा और 2005 में घर वालों को बता दिया। अलग-अलग समाज के होने के कारण दोनों के घरवालों ने इनकार कर दिया। मगर हम दोनों कहां मानने वाले थे। एक-दो साल बाद जब दोनों परिवारों को लगा कि ये नहीं मानेंगे तो वो थोड़ा तैयार हुए। जन्म कुंडलियां मिलाई तो सविता मंगली निकली। इस पर जो बात बनी थी वो भी बिगड़ गई। दोनों परिवारों ने साफ इनकार कर दिया। दोनों परिजनों को मनाने में लगे रहे। सविता कहती हैं- इसी बीच 17 अगस्त 2008 को गौरव अपने तीन दोस्तों के साथ महू के पास वांचू पाइंट गए थे। उनकी कार खाई में गिर गई। जब गौरव को दोस्तों ने बाहर निकाला तो उनका शरीर काम नहीं कर पा रहा था। अस्पताल गए तो डॉक्टरों ने बताया कि स्पाइनल इंज्युरी होने के कारण शरीर को लकवा हो गया है। सभी के पैरों तले जमीन खिसक गई लेकिन तब भी ये प्यार कम नहीं हुआ। परिवार वालों ने इस दुर्घटना के पीछे मेरे मंगली होने को जिम्मेदार ठहराया। गौरव से मिलने घर जाती तो घर वाले मिलने नहीं देते। घंटों घर के बाहर ही बैठी रहती। कुछ समय बाद, आखिर हमारे प्रेम और समर्पण को गौरव के परिवार ने भी समझा और मुझ पर लगाई रोक हटा दी। गौरव ने मुझसे कहीं और शादी करने के लिए कहा। मेरे परिवार ने लड़का भी देख लिया लेकिन जल्दी ही हमारी समझ में आ गया कि एक-दूसरे के बिना नहीं जी सकते। तय हो गया कि कुछ भी हो, शादी करेंगे। पहले कोर्ट में शादी, फिर वरमाला कोर्ट में 17 फरवरी को गौरव और सविता ने शादी कर ली। परिवार के इकलौते बेटे की शादी का जश्न भी जरूरी था। इसलिए 22 फरवरी को साकेत क्लब में गौरव ने समारोहपूर्वक सविता की मांग में सिंदूर भरकर सात जन्मों तक साथ निभाने की कसमें खाई। पूरे कार्यक्रम से सविता के माता-पिता ने दूरी बनाए रखी, हालांकि सविता का भाई जरूर शामिल हुआ।

रविवार, 17 अक्तूबर 2021

अक्तूबर 17, 2021

Horror Story in Hindi - परेशान आत्मा || Hindi Stories Blog


 Listen now :


हेल्लो दोस्तों मैं अजय आप लोगो के लिए एक और कहानी ले के आया हूँ जो कि एक परेशान आत्मा की है! यह कहानी एक गांव की है जिसका नाम है कोलागढ़ कोलागढ़ का जंगल बहुत भयानक है! उस जंगल मैं भूतों प्रेतों का का ज्यादा डर था! वहां के लोगो का मानना था कि आत्माए भूत- प्रेत होते हैं!उन्होंने भी इस बात पर तब यकीन किया जब उन्होंने यह सब अपनी आखों से देखा! उस गाँव मैं एक औरत थी उसका दिमाग कुछ ठीक नहीं था उसका पति भी एक एक्सीडेंटमैं मर गया था तब से वह कुछ अजीब सी हो गयी थी कुछ लोग उसे पागल कहते थे!एक बार की बात थी की सुबह-सुबह गांव का एक आदमी जिसका नाम भोला राम था! वह शहर की और कुछ ज़रूरी काम से निकल पड़ा गांव के आने जाने का एक ही रास्ता था वह भी जंगल से गुजरता था!इसलिए लोग उसमें अँधेरे मैं डर के मारे नहीं जाते थे और शाम होते ही कोई जंगल की तरफ नहीं जाता था!भोला राम जब उस जंगल से जा रहा था गांव से कुछ दूर ही जंगल मैं उसे एक औरत की लाश पेड़ पर लटकती नज़र आई वह एक दम डर गया और भागता हुआ गांव वापस आया! कुछ लोगो ने उसे इस तरह से भागते देख कहा क्या हुआ भोला राम तुम तो अभी शहर के लिए निकले थे और तुम भागते हुए वापस क्योँ आ गए! तब भोला राम ने बताया कि मैंने अभी किसी की लाश को पेड़ पर लटकते देखा वह लाश किसी औरत की है! देखते-देखते सारा गांव इकट्ठा हो गया कि क्या हो गया कहाँ है लाश चलो चलकर देखते हैं! तब सारा गांव उसे देखने को चल दिया देखते क्या हैं कि एक औरत की लाश पेड़ पर लटक रही है! देखते ही गांव वालों ने कहा कि यह तो पागल लग रही है!कुछ लोगों ने कहा इसे नीचे उतारो और इसका दाह संस्कार कर दो कुछ लोगो ने कहा छोड़ो इसका है ही कौन जो इसे आग देगा वेसे भी इससे सारा गांव परेशान हो गया था चलो इससे तो पीछा छूटा! कुछ बूढ़े लोगों ने कहा कि ऐसा नहीं कहते शरीर का दाह संस्कार करना ज़रूरी होता हे नहीं तो उसकी आत्मा भटकती रहती है! तो कुछ लोगों ने कहा कि तो जा कर उतार ले उसे और करदे दाह संस्कार बड़े आये सुझाव देने वाले वेसे भी इस जंगल मैं आत्माओ की कमी नहीं है और एक और आत्मा सही चलो धीरे धीरे सारे लोग चलते बने दोस्तों आठ दस दिन तक वह लाश ऐसे ही पेड़ पर लटकती रही किसी ने उसे उतारा तक नहीं !एक दिन अचानक उस लाश की रस्सी टूटकर पेड़ों पर अटक गयी और पत्तो से छुप गयी!समय बीतता गया एक दिन गाँव का हरिया नाम का व्यक्ति उस राते से जा रहा था कि उसे वही पागल सामने दिखाई दी वह एक दम डर गया उसका सारा शरीर कांपने लगा और उसके पलक झपकते ही वह गायब हो गयी हरिये ने सोचा कि मैं तो मन मैं ऐसे ही सोच रहा था! और वह आगे चल दिया तभी एक दम उसकी और एक सांड दोड़ते हुए आया और उसे जोर से टक्कर मार के चला गया हरिया उल्टा गिरा उसके बहुत जोर से चोट आई उसने जैसे ही पीछे मुड के देखा तो कोई नहीं उसने जैसे ही फिर आगे को देखा तो उसके आगे एक औरत कड़ी हो गयी वह एक दम डर गया और कांपने लगा उसकी शक्ल तो ऐसी थी कि तरफ गाल की हड्डियाँ और एक तरफ जला हुआ सा चेहरा आंखें अन्दर धंसी हुई नाख़ून बड़े बड़े वह उसे देखकर ऐसा डरा कि वह बेहोश होके गिर पड़ा उसकी आंखें खुली तो वह एक दम डर गया उसने अपने आप को घने जंगलों के बीचो बीच पाया उसके पेट मैं तो पानी हो गया चरों तरफ से आवाजें आ रही थी कहीं पत्तों मैं खर खर की आवाजें तो कहीं शेर के धहड़ने की आवाजें वह इतना डर हुआ था कि उसे तो भागना ही नहीं आ रहा था वह वहां से धीरे धीरे डरता हुआ जंगल मैं से भटकता हुआ बाहर आया उसे जंगल से निकलते-निकलते अँधेरा हो गया था वो अब और डर रहा था कि पहले तो एक भूत था पर अब ना जाने कितनो से पला पड़ेगा पता नहीं आज मैं यहाँ से जिन्दा निकलूंगा कि नहीं उसके मन मैं अजीब अजीब से ख्याल आ रहे थे वह भागता ही चला जा रहा था भागते भागते वो जाने कैसे उस जंगल से बाहर निकल के आया उसे इस हालत मैं देख कुछ लोगो ने उससे पुछा कि इतनी रात को कहाँ से आ रहे हो तुम्हें डर नही लगता क्या उसने कुछ भी जवाब नहीं दिया उसे विश्वाश नहीं हो रहा था कि मैं गांव मैं जिन्दा आ गया हूँ उसकी हालत देखकर कह रहे थे कि इस हरिया को क्या हो गया है!वह घर पहुंचा और जाकर कि ओढ़ कर सो गया उसकी औरत ने उसे खाना खाने के लिए कहा पर उसने कुछ जवाब नहीं दिया! उसने रत को एक सपना देखा और उस सपने मैं उसी परेशान आत्मा को देखा वह उससे रो रो कर कह रही थी मुझे बचालो मुझे इस नरक से बचा लो यह लोग मुझे मार डालेंगे ऐसा सपना देख कर वह उठ खड़ा हुआ उसके पशीना निकल आया था और वह यह सोच रहा था कि यह सब मेरे साथ क्योँ हो रहा है! सुबह हो गयी लेकिन हरिया नहीं जगा तब उसकी पत्नी ने उसे जगाने के हाथ लगाया तो उसे उसके चहरे मैं उसी का चहरा दिखा वह चिल्ला पड़ा तब उसकी ने कहा क्या हुआ तुम शाम से कुछ अजीब से डरे हुए लग रहे हो न शाम को खाना खाया तुम्हें आखिर हुआ क्या है! मुझे बताओ तब उसने सारी बात बतायी ! तब वह जा कर समझी कि आप तभी परेशान हो!धीरे-धीरे यह बात सारी गांव मैं फेल गयी कि वह पागल औरत भूत बन गयी है! तभी कुछ लोगों ने बताया कि रात को यही आवाज कुछ लोगो ने सुनी जो जंगल से आ रही थी कि मुझे बचाओ मुझे इस नरक से निकालो अब तो सारे लोग परेशान थे कि शहर का जाने का रास्ता भी बंद हो गया अब हम लोग क्या करैं !तब कुछ लोगों ने कहा कि हम लोगों को किसी महान आदमी की सलाह लेनी होगी कि यह सब मांजरा क्या है! तब किसी एक आदमी ने कहा कि पास के गांव मैं नत्थीलाल भगत जी रहते हैं! वह आत्माओं के बारे मैं बहुत कुछ जानते हैं!जब सुखिया के लड़के को एक आत्मा ने पकड़ लिया था तब उन्ही ने उस आत्मा से उसे छुड़ाया था!तब कुछ लोगों ने कहा यही ठीक रहेगा! सब लोगों ने उस भगत जी को गांव मैं बुलाया और उन्हें साड़ी घटना बता दी भगत जी ने कहा कि तुमने उसके शरीर को न जला कर बहुत बड़ी गलती कर दी चाहे वो कैसी भी थी इतना बड़ा जंगल हो के भी तुम लोगों से चार लकड़ियों का बंदोबस्त नहीं हो पाया था! इन्शान कैसा भी हो जब वह मर जाता है तो उसका दुश्मन भी उसकी अर्थी को कन्धा देने को आ ही जाता है! पर तुमने तो सारी सीमायें तोड़ दी चलो अब जो भी हो गया है उससे निपटने के लिए अब तैयारी करो! तब भगत जी ने हवन किया और अपना ध्यान लगा के देखा तो उसे वह आत्मा बंधी हुई नज़र आई तब पंडित जी ने उसे पुछा कि तुम्हें यहाँ किसने बांध रखा है तब उसने कहा कि मुझे एक दरिन्दे ने बाँध रखा है पहले उसने मुझे मार के पेड़ पर लटका दिया था!फिर गांव वालों ने मेरे शरीर का अंतिम संस्कार भी नहीं किया! मेरे शरीर को उसने कहीं छुपा के रख दिया है इसने मेरी आत्मा को कैद कर लिया है!जब तक मुझे मुक्ति नहीं मिलेगी इससे जब तक मेरे शरीर का अंतिम संस्कार नहीं हो जाता मैंने हरिया को भी यह बात बतानी चाही जब तक मैं उसे कुछ बताती पर उससे पहले उस वहसी दरिन्दे ने उसे चोट पहुंचा कर बेहोश कर दिया था तब मैंने उसे उससे बचा लिया था!तब पंडित जी सब समझ गए और कहा कि तुम चिंता मत करो मैं तुम्हें अवश्य मुक्ति दिलाऊँगा! तब भगत जी ने आखें खोली तब उन्होंने कहा चलो मुझे उस पेड़ के पास ले चलो जहाँ वह मरी थी! पंडित जी ने कहा की जिस तरीके से अंतिम संस्कार करते है वह सारा सामान ले चलो तब गांव वाले सारा सामान लेकर चल दिए पंडित जी आगे आगे और गांव वाले पीछे-पीछे उन्होंने देखा की वह पेड़ तो बहुत बड़ा हो गया है वह बहुत घना हो गया है और लाश का कुछ भी अता पता नहीं है! न हीं उसकी हड्डियों का तब पंडित जी ने कहा की सारे लोग ऊपर चढ़ के ढूँढो हमें यह काम शाम होने से पहले करना है! तब सारे लोग उस पेड़ पर चढ़ कर उस लाश को ढूँढने लगे बहुत देर तक वह लाश नहीं मिली सारे लोग सोचने लगे लाश गयी तो गयी कहाँ न हड्डियों क पता कहा गयी एक भी हड्डी नहीं मिली तब पंडित जी ने नीबू दे दिया सबको और कहा जहाँ यह नीबू लाल हो जाये समझना वहीँ पर लाश है!दो तीन मिनट बाद एक आदमी ने कहा यह रही लाश यह तो हड्डियों का ढांचा है! उसका इतना कहते ही सारे लोग चीखने लगे भूत भूत उनके सामने एक भयानक आदमी खड़ा है उसके यह बड़े-बड़े दांत आंखें लाल-लाल मुंह भेडिये जैसा ये बड़े नाखून लोग डर के मारे ऊपर से कूद गए एक को तो उस भेडिये ने ऐसा पकड़ के फेंका की वह सीधा नीचे आ के गिरा हा हा हा हा चिल्लाने लगा कोई नहीं ले जाएगा इसे यह मेरी है इसे मैंने वर्षों से सजा के रखा है उसने गुस्से मैं सारा पैड झकझोर दिया ऐसा होते देख पंडित जी ने मंत्र पढना शुरू किया पंडित जी को मंत्र पढ़ते देख उसने उन पर हमला बोल दिया पंडित जी को उठा कर फेंक दिया पर पंडित जी के मंत्र बंद नहीं हुए उन्होंने जो मंत्र पढ़ पढ़ के उसके ऊपर मिटटी फेंकी उसके शरीर पर जहाँ जहाँ मिटटी पड़ी उसका शरीर वहीँ से गलता जा रहा था उसका एक हाथ टूट कर गिरा वह पंडित जी के ऊपर ऐसा झपटा पंडित जी उस जगह से हट गए और वह नीचे जा गिरा पंडित जी ने फिर मंत्र पढ़ के उसके शरीर पर मारा वह वहीँ ढेर हो गया! उसकी आत्मा निकल के एक गांव वाले के अन्दर घुश गयी उसने गांव वालों को ही मारना शुरू कर दिया उसने तो एक का शिर फाड़ दिया और एक का हाथ चबा गया इतना खतरनाक होता जा रहा था उधर शाम होती जा रही थी तब पंडित जी ने उसकी और रस्सी फेंकीऔर दूसरी और एक आदमी ने पकड़ के उसे एक पेड़ से बांध दिया और उसको दो चार मंत्र पढ़ के मारे और लोगों से कहा शाम होने वाली है इससे पहले यहाँ और आत्माएं आये पहले उस शव को नीचे उतारो और उसका अंतिम संस्कार कर दो तब कुछ लोगों ने उसे उसे उठाकर लकड़ियों पर लिटा करा आग लगा दी वह पेड़ से बंधा हुआ चिल्लाए जा रहा था मत जलाओ उसे मत जलाओ उसे देखते देखते वह हड्डियाँ राख मैं परवर्तित हो गयी उसमें से एक ज्वाला उठती उई बाहर आई और पंडित जी को नमस्कार किया और कहा कि अगर इसको मारना हे तो उसके पहले वाले शरीर को जला दो तब वह खुद उसके शरीर से निकल जाएगा ऐसा कहते हुए वह आग का गोला बनकर आकश कि ओर चली गयी तब पंडित जी ने देर न करते हुए उसके शरीर को भी जला दिया तब वह फिर चिल्लाया मुझे मत जलाओ मुझे मत जलाओ तब तक आग उसके शरीर को जला चुकी थी!ओर उसकी आत्मा उस गांव वाले के शरीर से निकल कर आकाश मैं चली गयी तब उस आदमी को रस्सी से छोड़ दिया! तब उसका शरीर होश मैं आया! तब सब लोग उसे लेकर गांव आये तब सबने भगत जी को राम-राम कहा ओर भगत जी अपने गांव चले गए तब से उस गांव शांति आ गयी!

Story By Hindi Stories Blog

बुधवार, 13 अक्तूबर 2021

अक्तूबर 13, 2021

Sad Love Story in Hindi - प्यार बना पागलपन || Hindi Stories Blog


 Listen now : 




दोस्तों इस दुनिया में प्यार करने वाले बहुत है और इसीलिए मैं उन सबके साथ अपनी इस Hindi Love Story को शेयर करना चाहती हू ताकि हर किसी को पता चले कि प्यार में कैसे-कैसे experience होते है।दोस्तों इस दुनिया में प्यार करने वाले बहुत है और इसीलिए मैं उन सबके साथ अपनी इस Hindi Love Story को शेयर करना चाहती हू ताकि हर किसी को पता चले कि प्यार में कैसे-कैसे experience होते है।



मेरा नाम नेहा है और ये उन दिनों की बात है जब मैं ग्रैजुएशन फ़र्स्ट इयर में थी। मैंने एक इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स जॉइन किया था। वहाँ मेरी मुलाकात रोहित से हुई। रोहित बहुत हैंडसम लड़का था। कुछ ही दिनों में हम दोनों मे अच्छी दोस्ती हो गई। क्लास खत्म होने के बाद हम बाहर खड़े होकर घंटों बातें करते थे।



मैं मन ही मन रोहित को चाहने लगी थी। लेकिन रोहित के मन में मैं नहीं, मेरी फ्रेंड पूजा थी। पूजा तक पहुँचने के लिए ही रोहित ने मुझसे दोस्ती बढ़ाई थी। एक दिन रोहित ने मुझसे कहा कि उसे पूजा अच्छी लगती है। मैं उस दिन बहुत रोई। रोहित मेरा पहला प्यार था। मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि ऐसा कुछ होगा। फिर भी मैं रोहित से बात करती रही।



मेरी और रोहित की दोस्ती बढ़ती ही जा रही थी। क्लास बंद हो गई थी लेकिन हमारा मिलना जुलना बंद नहीं हुआ। रोहित भी अब मुझे प्यार करने लगा था। पूजा की तरफ वो आकर्षित तो था लेकिन उसको अब मेरी आदत हो गई थी।



मैं रोहित को खो देने के डर से उसकी हर बात झट से मान लेती थी। रोहित ने मेरी इस आदत का गलत फायदा उठाया। रोहित मेरे बाहर आने जाने, कपड़े पहनने, किसी से बात करने, हर चीज में रोक टोक करने लगा। रोहित पर एक सनक सी सवार हो गई थी। वो हर समय मुझ पर शक करता। मुझे इंसान ना समझ कर कोई कठपुतली समझने लगा था। मुझे उस रिश्ते में घुटन होने लगी थी। हर समय मुझे महसूस होता जैसे मैं कोई कैदी हूँ। रोहित का प्यार अब पागल पन बनता जा रहा था।



एक दिन भी ना मिल पाये तो वो अजीब हरकतें करने लगता था। कई बार उसने मुझ पर हाथ भी उठा दिया था। रोहित के व्यवहार के कारण हमारे झगड़े बढ़ते जा रहे थे। हर रोज मैं रो कर ही सोती थी।



ग्रैजुएशन पूरा हो गया था। रोहित मुझ पर शादी करने का दबाव बनाने लगा। लेकिन मैंने रोहित के साथ जिन्दगी बिताने से अलग हो जाना बे‍हतर समझा। मैं सारी जिंदगी रो कर नहीं बिताना चाहती थी। मैंने फैसला किया कि पापा के ट्रान्सफर की बात रोहित को नहीं बताऊँगी।



रोहित को बिना बताए मैं नये शहर चली आई। उसने मुझे ढूँढने की बहुत कोशिश की। मुझे बहुत फोन किये, मैसेज भी किये कि वो सबके सामने मुझे बदनाम कर देगा लेकिन मैंने कोई रिप्लाई नहीं किया। और अपना नंबर बंद कर दिया। रोहित को मेरा पता मिल जाता तो सनकी रोहित कुछ भी कर सकता था। लेकिन अंत में उस सनकी आशिक से मुझे छुटकारा मिल ही गया।



दोस्तों ये थी मेरी हिंदी लव स्टोरी। ऐसा कई लड़कियों के साथ होता है और ये हम लड़कियों के लिए बिलकुल भी safe नहीं. प्यार में थोडा पागलपन तो चलता है लेकिन जब पागलपन हद से ज्यादा बढ़ जाए तो ये खतरनाक हो सकता है।

Story By Hindi Stories Blog

सोमवार, 11 अक्तूबर 2021

अक्तूबर 11, 2021

Motivation Story in Hindi 2021 - किसान का धैर्य || Hindi Stories Blog

Listen now


मेरे साथ जो हुआ वह अच्छा या बुरा (किसान का धैर्य)


क्यों पढ़ें - कई बार हम बहुत ज्यादा ही अपनी लाइफ को लेकर सीरियस हो जाते हैं। कि जैसे ही कुछ बुरा हुआ तो हम उदास हो जाते हैं और पल भर में जब कुछ अच्छा घटित होता है तो हम खुश हो जाते हैं। हमारे विचार बहुत जल्दी ही बदल जाते हैं।


हम यह नहीं सोचते कि जो कुछ घटित हुआ है वह हमारे लिए अच्छा है या बुरा। हमारे साथ घटी घटना का भविष्य में क्‍या प्रभाव पड़ेगा ये हमें खुद पता नही होता है।


(आज यह कहानी आपको कठिन परिस्थितियों में धैर्य का महत्व सिखाएगी)



किसान का धैर्य | Short Story On Patience In Hindi


एक समय की बात है। एक किसान था जिसके पास एक घोड़ा था। वह अपने इस घोड़े से बहुत प्यार करता था। उसे अपने घोड़े पर बहुत गर्व था जो किसान की कमाई का जरिया भी था। अपनी इस कमाई से किसान अपने परिवार का पेट भरता था।


लेकिन एक दिन वह घोड़ा भाग गया। उसके भागने के बाद समाज के लोग और उस किसान के पड़ोसी उसके पास आकर उससे कहने लगे- “हे भगवान! तुम्हारा घोड़ा, जिस पर तुम्हें बहुत घमंड था वह तो भाग गया।” उसको सांत्वना देने लगे कि उसके साथ बहुत बुरा हुआ। लेकिन किसान ने उसका जवाब बहुत ही सहजता से देते हुए कहा- “हाँ! बहुत बुरा हुआ।”


फिर अगले दिन,


अगले दिन घोड़ा वापस आ गया। लेकिन सिर्फ घोड़ा वापस नहीं आया बल्कि वह अपने साथ तीन जंगली घोड़े भी लाया। फिर उसके पड़ोसी उसके पास दौड़ते हुए आये और उस किसान से कहने लगे- “आप का घोड़ा आ गया और अपने साथ तीन और घोड़े भी लाया है। यह तो बहुत अच्छी बात है, आपकी किस्मत तो बहुत अच्छी है।”


किसान बहुत खुश हुआ, उनकी तरफ देखा फिर उसका जवाब बहुत ही साधारण रूप से दिया और कहा- “हाँ! शायद”


कुछ दिनों बाद,


कुछ दिनों बाद किसान का बेटा उसी जंगली घोड़े में से किसी एक को काम के लिए उपयोगी बनाने की कोशिश कर रहा था। लेकिन इसी कोशिश के दौरान घोड़े ने उसे जमीन पर पटक दिया और उसका पैर बुरी तरह से टूट गया। उसके पड़ोसी उससे कहने लगे- “उस पागल घोड़े ने देखो तुम्हारे बेटे के साथ क्या किया। उसका पैर तोड़ दिया। यह तो बहुत बुरा हुआ।” किसान दुखी हुआ और फिर से उसी तरह जवाब दिया और कहा- “हाँ! शायद मेरे बेटे के साथ गलत हुआ।”


अगले दिन,


अगले दिन सेना के कुछ जवान उस किसान के घर आते हैं जो जंग छिड़ने के कारण नए जवानों की भर्ती कर रहे होते है। उसमें से एक जवान ने किसान के बेटे को देखा और बोला- “इसका तो पैर टूटा हुआ है। हम इसे सेना में भर्ती नहीं कर सकते।” और वे जवान गाँव के सभी लड़कों को लेकर अपने साथ चले गए। यह जानकर उसके पड़ोसी और बाकी गाँव वाले उसके पास आए और बोलने लगे- “तुम्हारे बेटे को तो जवान जंग के लिए नहीं ले गए, तुम्हारी किस्मत तो बहुत ही अच्छी है।”


इस आखिरी बार भी किसान ने फिर से बड़ी सहजता से कहा- “हाँ! शायद।”



कहानी की प्रेरक बातें


इस कहानी से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि “हमारे लिए चीज़ो को नकारात्मक ढंग से सोचने में जरा भी समय नहीं लगता हैं।” जब भी कुछ हमारे अनुकूल नहीं होता, तो हम उसे बुरा ही समझते। लेकिन सच बात तो यह है कि “कोई नहीं जानता कि जो हमारे जो साथ घटा है वह बुरा है या अच्छा।”


इस कहानी में भी किसान के भावों में परिवर्तन परिस्थितियों के कारण होता है। बुरी परिस्थितियों में वह नकारात्मक हो जाता है और अच्छी परिस्थितियों में वह सकारात्मक। इन नकारात्मक और सकारात्मक परिस्थितियों के बीच के समय में धैर्य रखना बहुत जरूरी होता है।


क्या आप वाकई में यह बता सकते हैं कि हमारे साथ जो घट रहा है वो गलत है या सही! बिना यह जाने कि भविष्य में उसका क्या प्रभाव पड़ेगा हम पर यह हमारे जीवन पर।


मुझे लगता है आपका जवाब होगा “नहीं।”


हमारे समाज में, हमारे देश में ऐसे बहुत से महान लोग हैं जो अपने जीवन में असफल हुए, हारे, अनेक बड़ी-बड़ी बीमारियों से लड़े। किंतु उन्होंने कभी भी अपना धैर्य नहीं खोया और ना ही हार माने। यही आगे चलकर बड़े प्रसिद्ध हुए, सफलता के मुकाम पर पहुंचे और महान बने।


हमारे बड़े बुजुर्ग सही ही कह गए हैं कि


“जो होता हैं, अच्छे के लिए ही होता हैं।”


यह छोटी सी लाइन हमें बहुत कुछ सीखा जाती है और ये बात हमें कभी नहीं भूलनी चाहिए।


हमेशा कोशिश करते हो,

जीवन के पथ पर निरंतर आगे बढ़ते चलो।



रविवार, 10 अक्तूबर 2021

अक्तूबर 10, 2021

Sad Love Story in Hindi : एक लड़की के पीछे पीछे घूमता रहा || Hindi Stories Blog

 


Listen now :



मै अपनी B.A. की पढाई पूरी करने के बाद मै नौकरी की तलाश में अपने गाव के एक दोस्त के साथ दिल्ली के पास नोएडा में आ गया ! मै जल्द ही MultiNational Company में Compuer operater के पद नौकरी कर ली, फिर एक कमरा किराये पर लेकर रहने लगा जिस मकान मे रहता था वह तीन मंजिल मकान का था ! और मैं सबसे ऊपर वाली मंजिल पर रहता था एक दिन जब मै छत पर गया और इधर उधर टहलने लगा तभी मेरी अचानक नजर बगल वाले छत पर गई तो देखा एक लड़की हमे बड़े प्यार से देख रही हैं , मै भी उसे देखने लगा थोड़ी देर बाद वो मुस्कुराकर चली गई ! मुझे एैसा लगा की शायद वो मुझे like कर रही हैं !पता नही क्यो उस लड़की को बार -बार देखने को मन करता फिर मै हर दिन उसे देखने के लिये मै अपने छत पर जाया करता था, वो भी मुझे देखने के लिये आया करती थी ! एैसे ही ये सिल – सिला 6 महीनो तक चलता रहा फिर मै किसी तरह उस लड़की का नाम पता किया उस लड़की का नाम सानिका था ! वो BSC कर रही थी और साथ मे computer Course कर रही थी ! वो शाम को जब अपने Computer class से वापस लौटती तो ! मै जब भी डियूटी से आता उसको एक नजर देखने के लिये मै उसका रास्ते मे जाकर इन्तजार किया करता था , लेकिन कभी उससे बात नही होती ! न बात करने की हमारी हिम्मत होती !

           मै उसको इतना चाहने लगा था हर समय उसकी यादो में खोया रहता था चाहे दिन हो चाहे रात हर समय उसका ही चेहरा दिखाई देता मै इतना पागल हो चुका था सानिका के प्यार में ! मै अपना कम्पनी में ठीक तरह से कार्य भी नही कर पा रहा था और हर दिन मैं अपने बोस की डाट खाता था और मुझे हर रोज नौकरी से निकलने की धमकी देते थे ! न जाने मुझे कौन सा रोग लग गया था, मै लेकिन अब तक अपने दिल की बात सानिका सें नही कह पाया था एैसा करते मुझे 2 साल बीत चुके थे और अब तक अपने प्यार का इजहार भी नही कर पाया था ! प्यार भी करता था और कहने से भी डरता था ! कितना पागल था मैं सानिका ये बात जानती थी की मैं उसे like करता हूँ और प्यार भी करता हूँ एक दिन अचानक मुझे सानिका मन्दिर में बुलाई, मुझे लगा की शायद वो मुझे कुछ कहना चाहती थी जो मैं कहना चाहता हूँ , आज मैं भी सोच रहा था की आज अपने दिल की बात कह ही देता हूँ ! मौका अच्छा हैं ! फिर मैं पहल से ही मन्दिर मे जाकर सानिका का इन्तजार करने लगा फिर थोड़ी देर बाद सानिका आई तो मैं सानिका को देखकर बहुत खुश हुआ! जब सानिका मेरे पास आयी और कही हाय सागर कैसे हो, मै -अच्छा हूँ आप कैसी है सानिका बोली ठीक हूँ ! फिर सानिका मेरे से बोली सागर मै आपसे ये जानने के लिये आपको बुलाई हूँ कि मैं देख रही हूँ कि आप 2 सालो से मेरे पीछे-पीछे घूम रहे हैं सागर क्या आप ये जानते है कि मै आपसे प्यार नही करती हूँ , सानिका मेरे से इतना कहते ही मैं बिल्कुल मायूस हो गया और सोच में पड़ गया थोड़ी देर बाद मैं सानिका से बोला , मै- ये मै नही जानता था की आप मुझसे प्यार नही करती है़ं, लेकिन मै आपसे बहुत प्यार करता था और करता हूँ, I LOVE YOU सानिका इतना कहते ही सानिका मेरे से कहने लगी प्यार एक तरफ से नही होता सागर प्यार दोनो तरफ से होता हैं क्यो अपना future मेरे पीछे बर्बाद कर रहे हों. 

         सानिका मैं आपसे प्यार करता हूँ , और आप future की बात कर रही हो मै तो आपके बिना जी नही पा रहा हूँ , हर पल आपकी यादो में खोया रहता हूँ सानिका- सागर मैं आपसे प्यार नही करती मैं सिर्फ अपने Future से प्यार करती हूँ, आज के बाद मेरे पीछे मत घूमना नही तो सागर आपके लिये अच्छा नही होगा. मैंने उससे कहा सानिका क्या मेरा प्यार दिल लगी तक रह जाएगा !सानिका – हा सागर Verry sorry अपना ख्याल रखना इतना कह कर वो चली गई ,और मैं करता भी तो क्या करता बड़े दुख के साथ रोता हुआ अपने Room पर चला आया अभी तक मेरे जिन्दगी में इतना बड़ा दर्द कभी नही मिला था ! सानिका मुझसे एक पल में बेवफा हो गई और मुझसे दूर हो गई दोस्तो I LOVE YOU यें इन तीन शब्द सुनने के लिये अब तक पीछे-पीछे घूमता रहा और जरूरत पड़े तो मरने को भी तैयार था ! इन तीन शब्दो के लिये उसकी छाया उसकी धड़कन उसकी सॉस बनकर उसके पास रहना चाहता था ! लेकिन इन्ही तीन शब्दो के लिये अपना सब कुछ खोकर आज मैं पागल बनकर रह गया हूँ , मॉ के पेट मे लड़का हैं या लड़की ये जानने के लिये दस महीने काफी होते है , मगर उसके दिल में क्या था यें जानने के लिये मुझे दो साल लग गये ,मगर गलती सानिका की नही मेरी हैं ! लड़की के दिल में प्यार है या नही ये जानने के लिये एक घन्टे एक दिन एक साल काफी होते है.

         लेकिन मै दो सालो से उसके पीछे-पीछे घूमता रहा कितना पागल हूँ मैं , लेकिन इस पागल पन का शिकार एक अकेला मैं ही नही मेरे जैसे नौजवान लाखो हैं करोड़ो है जो मुम्बई के मरीन track में कोलकत्ता के पार्क स्टेट में चेन्नई के मरीना ब्रीज में या दिल्ली के कर्नाट प्लेस में हर शहर हर गली में सच्चे प्यार के लिये पागल बनकर घूम रहे हैं ! मगर उनके दिल में भरे हुए सच्चे प्यार को कोई लड़की समझती नही ! प्यार आदमी को पागल बना देता हैं खूनी बना देता है़ं मगर इसी प्यार नें हम जैसे पागल को इन्सान बना दिया ! जब मुझे प्यार से प्यार था तो वो मुझे बहुत पसंद थी ! वैसे भी प्यार के जाने बिना मर जाने से बेहतर हैं कि हम उस प्यार को जानकर भूल जाये दोस्तो एक आदमी के जीवन में 2 साल काफी होते हैं जो वक्त पड़ने के लिये कुछ बनने कें लिये होता हैं वो 2 साल मैने पागल पन में खो दिया दोस्तो जो मेरी तरह प्यार में पागल होकर अपनी जिम्मेदारियों कों भूल गये है शायद जो बात मेरे दिल से निकली हैं, आप लोगो के दिल में असर कर जायें दोस्तो मुझे एैसा प्यार नही चाहिंए.


Story By Hindi Stories Blog 💔💔